प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा था, उस पर अमल किया : बिल गेट्स

नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कहा है, करीब तीन साल पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की सेहत को लेकर एक साहसिक बयान दिया था। उस बयान का आज भी बड़ा असर है। मैंने किसी दूसरे राष्ट्रीय स्तर के नेता से एक संवेदनशील मुद्दे पर इतना खुलकर बोलते कभी नहीं सुना। पीएम मोदी ने जो कहा था, उस पर अमल किया।
‘इंडिया इज विनिंग इट्स वॉर आॅन ह्यूमन वेस्ट’ हेडलाइन से बिल गेट्स ने एक ब्लॉग लिखा है, जिसमें उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी के पहले भाषण का जिक्र करते हुए काफी तारीफ की है। उन्होंने ब्लॉग में लिखा है कि पीएम मोदी ने एक ऐसी समस्या को उठाया, जिसके बारे में हम सोचना तक पसंद नहीं करते हैं। करीब तीन साल पहले भारतीय प्रधानमंत्री ने जन स्वास्थ्य को लेकर एक ऐसी साहसिक टिप्पणी की, जो हम आज तक किसी निर्वाचित सदस्यों के मुंह से नहीं सुने हैं। आज इसका बहुत असर पड़ता दिख रहा है।
पीएम मोदी के भाषण के कुछ अंशों को बिल गेट्स ने अपने ब्लॉग में उल्लेख करते हुए लिखा है, ‘हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। क्या हमें कभी इस बात को लेकर तकलीफ महसूस हुई कि हमारी माताएं और बहनें खुले में शौच करने को मजबूर हैं? गांव की गरीब महिलाएं रात के अंधेरे का इंतजार करती हैं ताकि वे शौच के लिए जा सकें। इसका उनके शरीर पर क्या असर पड़ेगा, कितनी बीमारियों का उनको खतरा है। क्या हम अपनी मां और बहनों की मर्यादा को ध्यान में रखकर उनके लिए शौचालय नहीं बना सकते हैं।’
ब्लॉग में बिल गेट्स ने लिखा है, ‘मेरे ख्याल से अन्य किसी राष्ट्रीय नेता ने इस तरह के संवेदनशील विषय पर इतने खुलेपन के साथ और सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं की है। मोदी ने सिर्फ भाषण ही नहीं दिया, बल्कि इस दिशा में काम भी किए हैं। भाषण के दो महीनों के बाद ही उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया, जिसके तहत देशभर में करीब 7.5 करोड़ शौचालय बनाकर 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त करना है।’
बिल गेट्स ने लिखा कि स्वच्छता की समस्या को हल करके हर साल हजारों जिंदगी को बचाया जा सकता है। इससे लड़कियां स्कूलों की ओर आकर्षित होंगी और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। सफाई की स्थिति को बेहतर बनाने पर हमारे फाउंडेशन का खास जोर है और हम भारत सरकार के साथ मिलकर इसके लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं। पीएम मोदी के इन प्रयासों के अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। गेट्स ने लिखा, ‘2014 में जब स्वच्छ भारत अभियान शुरू हुआ था, उस समय सिर्फ 42 फीसदी भारतीय लोगों को ही उचित स्वच्छता उपलब्ध थी। आज 63 फीसदी लोगों को इसका फायदा मिल रहा है और 2 अक्टूबर, 2019 महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक इस काम को खत्म करने के लिए सरकार के पास विस्तृत योजना है।’