कश्मीर में हुए एक वायरल वीडियो का सच, सेना की जीप में बांधे गए युवक ने बताया पूरा मामला

नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से कश्मीर से एक के बाद एक वीडियो वायरल हो रहे हैं। बडगाम में कुछ कश्मीरी युवकों द्वारा सीआरपीएफ के जवानों को पीटे जाने के वीडियो के बाद शुक्रवार को एक नया वीडियो आया। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर किया जिसमें सेना की जीप के बोनट पर एक युवक को बांधकर ले जाया जा रहा है।
इस में जो व्यक्ति सेना की जीप के आगे बंधा है वो 26 वर्षीय फारूक अहमद धर है। एक आखबार से बात करते हुए फारूक ने बताया कि उसने अपने जीवन में कभी पत्थरबाजी नहीं की। वो पत्थर चलाने वालों में से नहीं है। बल्कि वो तो कश्मीर में कुछ छोटे-मोटे काम करता था।
फारूक के परिवार में वो और उसकी एक बुढ़ी मां है। उस घटना के बारे में फारूक ने बताया, ‘उस दिन मैं अपने एक संबंधी की आखिरी यात्रा में शामिल होने के लिए जा रहा था। रास्ते में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। मैं वहां रूक गया। थोड़ी देर बाद कुछ जवानों ने मुझे पकड़ा। उन्होंने मुझे मारा और जीप के आगे बांध दिया। मैं इस तरह से नौ गांवों से होता हुआ स्थानीय सीआरपीएफ कैंप में पहुंचा जहां मुझे जीप से खोला गया और कैंप में बिठाया गया।’
फारूक आगे कहते हैं कि इस दौरान सीआरपीएफ जवान गाड़ी से आवाज लगा रहे थे-आओ और अपने ही आदमी पर पत्थर चलाओ। घटना के बाद से फारूक और उसकी मां डरे हुए हैं। वो इस मामले की शिकायत भी दर्ज नहीं करना चाहते। फारूक ने अखबार से बात करते हुए कहा, ‘गरीब आदमी हूं। कहां शिकायत करूंगा। मैं कुछ नहीं करना चाहता। मैं डरा हुआ हूं। मेरे साथ कुछ भी हो सकता है।’ वहीं इस सवाल के जवाब में फारूक की 75 वर्षीय मां ने कहा कि मेरे लिए यही सबकुछ है। अगर इसे कुछ हो गया तो मैं कहीं की नहीं रह जाउंगी।
यहां यह गौरतलब है कि इस वीडियो से पहले भी एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वेडियो में दिख रहा था कि कुछ कश्मीरी युवक सीआरपीएफ के जवान को लात मार रहे हैं लेकिन फिर भी जवान ने युवक को कुछ नहीं कहा। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है।