लखनऊ में संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह मारा गया

लखनऊ। यूपी एटीएस ने संदिग्ध आतंकी को ठाकुरगंज इलाके में एनकाउंटर में मंगलवार रात को मार गिराया। लेकिन पुलिस इस आतंकी को जिंदा पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाई। पुलिस ने इसे पकड़ने के लिए हर तरह की कोशिशें की। आतंकी सरेंडर कर दे, इसके लिए पुलिस ने अपील के साथ टियर गैस और मिर्ची बम का भी इस्तेमाल किया। लेकिन वह बाहर नहीं निकला। पुलिस ने 11 घंटे तक यह आॅपरेशन चलाया और रात करीब 2:30 बजे उसे मार गिराया। बाद में घर की तलाशी में इसके पास से बड़ी तादाद में विस्फोटक सामग्री, आईएसआईएस का फ्लैग और कारतूस मिले हैं। बता दें कि मंगलवार सुबह एमपी के शाजापुर में ट्रेन ब्लास्ट हुआ था। उसके बाद पहले एमपी पुलिस ने चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यूपी एटीएस ने कानपुर-इटावा से तीन सस्पेक्ट अरेस्ट किए। इन्हीं गिरफ्तारियों के बाद इस संदिग्ध के लखनऊ में छिपे होने का इनपुट मिला था।
यूपी एटीएस के आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि उसे जिंदा पकड़ने की हरसंभव कोशिश की गई। लेकिन हम कामयाब नहीं हो पाए। अब उसके दो साथी की तलाश की जा रही है, जो एनकाउंटर वाले घर में उसके साथ रहते थे। ऐसा कहा जा रहा है कि सैफुल्लाह आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का मेंबर था।
अरुण ने बताया- ”हम लोगों को मंगलवार दोपहर में इंटेलिजेंस इनपुट मिला था कि एक संदिग्ध आतंकी लखनऊ वेस्ट के ठाकुरगंज इलाके में रह रहा है। इसके बाद आॅपरेशन शुरू किया गया। टीम ने यहां पर घेरा डाला। पहले घर पर नॉक किया गया। अनाउंस करने के बाद अंदर एंट्री करने की कोशिश की गई। नॉक करते ही घर के अंदर से फायरिंग शुरू हुई। हमने जवाबी फायरिंग की। संदिग्ध आतंकी को जिंदा पकड़ने की कोशिश की गई। इसके लिए चिली बम और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया, ताकि उसे बाहर लाया जा सके। घर में घुसने के लिए छत को ड्रिल करना पड़ा था।
हमने फाइबर आॅप्टिक्स कैमरे अंदर डाले तो शक हुआ कि अंदर दो लोग हैं। उसमें बहुत क्लियर इमेज नहीं आती। इसी वजह से पहले यह माना गया कि घर में और भी आतंकी छिपे हो सकते हैं। लेकिन एनकाउंटर के बाद जब सर्च आॅपरेशन पूरा हुआ, तो एक ही डेड बॉडी मिली। अब लीगल प्रॉसेस पूरा कर रहे हैं, क्योंकि यहां बम हो सकते हैं। बम डिटेक्शन टीम आ गई है, फोरेंसिक टीम अपना काम करेगी।
एटीएस से मिली जानकारी के मुताबिक, आॅपरेशन के लिए 20 एटीएस कमांडो लगाए गए थे। 10 एटीएस कमांडो ऐसे थे, जो गलियों में लगे थे। ताकि अगर संदिग्ध आतंकी भागने की कोशिश करे तो उसे वहीं मारा जा सके। इसके अलावा 50 से 60 पुलिसवाले थे, जो एटीएस के बैकअप में थे। एटीएस और यूपी पुलिस के अलावा एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की टीम भी इस आॅपरेशन में शामिल थी।
असीम अरुण ने बताया कि मारे गए संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह की उम्र 22 से 23 साल के बीच है। वह कानपुर का रहने वाला है। असीम ने बताया- सैफुल्लाह के रूम से 650 जिंदा कारतूस मिले हैं। इसके अलावा, बड़ी तादाद में विस्फोटक सामान भी मिला है। कैश और गोल्ड भी मिला है। कई बने और कुछ अधूरे बने बम भी मिले हैं। 8 रिवॉल्वर भी मिलीं। इसके अलावा, कई सिम कार्ड, रेलवे का टाइम टेबल, पासपोर्ट और आईएसआईएस का फ्लैग भी मिला। जानकारी के मुताबिक, मारे जाने से पहले सैफुल्ला ने 50 राउंड गोलियां भी चलाई थीं।
शाजापुर के जबड़ी स्टेशन पास करीब 10 बजे ब्लास्ट होते ही खुफिया तंत्र एक्टिव हो गया। तेलंगाना पुलिस ने मप्र और उप्र पुलिस को अहम इनपुट दिया। मप्र पुलिस ने करीब 1.30 बजे पिपरिया में चलती बस से तीन युवकों को अरेस्ट किया। इन्होंने लखनऊ, कानपुर और इटावा में साथियों के नाम बताए। यूपी एटीएस ने कारर्वाई शुरू की। करीब रात 8 बजे कानपुर से फैसल खां, इमरान और इटावा से फकरे आलम धरा गया। कानपुर से अरेस्ट आतंकियों के लैपटॉप से आईएस से जुड़े वीडियो और लिटरेचर मिला। लखनऊ-कानपुर आईएस खुरासान मॉड्यूल के सदस्य हैं।