राजधानी दिल्ली में 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में अदालत आज दोपहर बाद सुना सकती है फैसला
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में अदालत आज दोपहर बाद फैसला सुना सकती है। 2005 में दिवाली से एक दिन पहले हुए इन धमाकों में 60 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन धमाकों के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा का हाथ था।
29 अक्टूबर 2005 के दिन दिल्ली को दहला देने वाले इन धमाकों के मामले में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा के आॅपरेटिव तारिक अहमद डार, मोहम्मद हुसैन फाजिल और मोहम्मद रफीक शाह को मुख्य आरोपी बनाया गया था। माना जा रहा है कि इस इन धमाकों का मास्टरमाइंड तारिक ही था। कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आपराधिक साजिश रचने, हत्या, हत्या के प्रयास और हथियार जुटाने के आरोप तय किए थे। दिल्ली पुलिस ने तारिक के खिलाफ चाजर्शीट भी दायर की थी।
इन सीरियल धमाकों में पहाड़गंज में 9 लोगों की मौत हुई जबकि 60 लोग घायल हुए। वहीं गोविंद पुरी में चार लोग घायल हुए थे। भीड़भाड़ वाले सरोजनी नगर में धमाके की वजह से 50 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 130 लोग घायल हुए थे। 12 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट में इस मामले में पहले 13 फरवरी को फैसला आना था, लेकिन बाद में अदालत ने इसके लिए 16 फरवरी की तारीख तय कर दी थी। मामले की सुनवाई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही है।