नीतीश की कुर्सी पर बैठे लालू, बोला गया यह कुर्सी सीएम के लिए रिजर्व्ड है
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले हर जनसभा में लालू प्रसाद यादव को अपना बड़ा भाई बताते हों, लेकिन कुर्सी तो कुर्सी है। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में लालू को यह अहसास कराया गया कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई गलती से भी नहीं बैठ सकता। प्रदेश की गठबंधन सरकार में लालू की पार्टी का योगदान ज्यादा है, लेकिन पटना के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्हें बड़ी विनम्रता से नीतीश की कुर्सी को यह कहते हुए खाली करने के लिए कह दिया गया कि कुर्सी मुख्यमंत्री के लिए रिजर्व्ड है।
लालू ने बगैर किसी सवाल के कुर्सी खाली कर दी और मंच के वीआईपी लाइनअप में जा बैठे। जब नीतीश कुमार पधारे तो उन्हें उनकी कुर्सी तक लाया गया। इधर, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने सोमवार को चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसे तो सार्वजनिक तौर पर लालू प्रसाद मुख्यमंत्री के ‘बड़े भाई’ हैं, परंतु कुर्सी उन्हीं को छोड़ना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस घटना से महागठबंधन में शामिल दोनों दलों में भ्रम साफ झलकता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी गांधी मैदान में आयोजित प्रकाशोत्सव के मौके पर एक कार्यक्रम में लालू प्रसाद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के पास मंच पर जगह नहीं दी गई थी। विपक्ष और आरजेडी द्वारा काफी हंगामे के बाद लालू ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्हें इसे लेकर कोई शिकायत नहीं है।