राहुल बोले, मोदी सरकार ने बजट में किसानों और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं किया है

पीएम मोदी ने बजट की जमकर सराहना की


नई दिल्ली। मोदी सरकार के 2017 के आम बजट पर विपक्षी पाटिर्यों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह शेरो-शायरी वाला बजट है। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने बजट में किसानों और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं किया है।
राहल ने कहा, ”मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन पिछले साल डेढ़ लाख लोगों को ही रोजगार मिला। किसानों का उन्होंने कर्ज़ माफ़ नहीं किया। मोदी केवल बड़े-बड़े भाषण देते हैं।”
वित्त मंत्री जेटली के आम बजट की मुख्य बातें
शेरो-शायरी का बजट
राहुल ने कहा कि यह चुनावी फ़ायदा उठाने लायक बजट नहीं है। उन्होंने कहा कि वह यदि किसानों का कर्ज़ माफ़ करते तो चुनावी फ़ायदा हो सकता था। राहुल ने कहा कि यह किसानों और ग़रीबों का बजट नहीं है।
राहुल गांधी ने बजट की आलोचना की
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा की बात करती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया जिससे आश्वस्त हुआ जा सके कि रेलवे में सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार की हर कोशिश का समर्थन करेगी।
बजट में रेलवे से जुड़ी अहम घोषणाएं
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि, यह गांव, ग़रीब, दलित और पीड़ितों का बजट है। पांच लाख की व्यक्तिगत आय पर 10 प्रतिशत से पांच प्रतिशत टैक्स कर देना एक क्रांतिकारी फ़ैसला है। इससे देश की बड़ी आबादी को फ़ायदा होगा।”
सबका सपना साकार करेगा यह बजट
पीएम ने कहा, ”यह बजट हर किसी के सपने को साकार करेगा। इसके लिए अरुण जेटली और उनकी टीम को बधाई मिलनी चाहिए। रेलव बजट को आम बजट में मर्ज करने से पूरे ट्रांसपोर्ट सेक्टर को फायदा होगा। यह बजट कृषि क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, इन्फ्रास्ट्रक्चर, निवेश बढ़ाने और रोज़गार पैदा करने की दृष्टि से काफी अहम है। सरकारी निवेश को मजबूती देने के लिए रोड और रेलवे सेक्टर में काफी वृद्धि की गई है। 2022 तक किसानों की आय डबल करने की योजना है।”
इनकम टैक्स पर वित्त मंत्री ने दी ये राहत
मोदी ने कहा, ”यह बजट गांव की आर्थिक स्थिति में बदलाव लाएगा। रोजगार बढ़ाने पर भी भरपूर जोर दिया गया है। असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को संगठित क्षेत्र में लाने के लिए व्यापक प्रावधान किया गया है। मनरेगा के लिए अब तक जितना हुआ, उससे ज़्यादा रिकॉर्ड आवंटन किया गया है। महिलाओं और बच्चों के लिए काफी बढ़ोतरी की गई है। हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन को ग्रामीण भारत में बढ़ाया जाएगा।”