सपा में जुबानी जंग अब भी जारी, शिवपाल ने दी अखिलेश को सरकार बनाने की चुनौती
इटावा। सपा की पारिवरिक कलह अभी रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने 11 मार्च को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। इटावा में उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सरकार बनाकर दिखाने की चुनौती दी।
शिवपाल यादव ने कांग्रेस के साथ पार्टी के गठजोड़ पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि राज्य में कांग्रेस की 4 सीटें जीतने की हैसियत भी नहीं है। ऐसे में पार्टी को 105 देने से पार्टी कार्यकर्ता हताश होंगे। उन्होंने बताया कि वो 19 फरवरी के बाद ऐसी सीटों पर प्रचार करेंगे जहां से मुलायम सिंह यादव के समर्थक चुनाव लड़ रहे हैं। शिवपाल यादव ने दोहराया कि वो नेताजी का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते और मरते दम तक उनका साथ निभाएंगे।
नामांकन भरने के बाद समथर्कों को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव भावुक हो गए। यादव का आरोप था कि पार्टी के भीतर उनका कद जानबूझकर घटाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को इशारों ही इशारों में निशाने पर लेते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी की वजह से अपना वजूद बताने वाले ही आज उन्हें अपमानित कर रहे हैं। शिवपाल यादव का कहना था कि उन्होंने अखिलेश यादव से कहा था कि भले ही उन्हें चुनाव ना लड़वाया जाए लेकिन मुलायम सिंह यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने दिया जाए। लेकिन अखिलेश यादव को ये मंजूर नहीं था।
इस मौके पर शिवपाल यादव ने बतौर मंत्री अपनी उपलब्धियां भी गिनवाईं। उन्होंने याद दिलाया कि कई अहम महकमे संभालने के बावजूद उनपर कोई आरोप नहीं लगा। अपने कायर्काल में सड़क निर्माण का श्रेय लेते हुए शिवपाल यादव ने दावा किया कि उनपर कई लोगों ने दबाव बनाने की कोशिश की और कई मामलों में उनकी फाइलें 2 साल तक रोककर रखी गईं।
शिवपाल के मुताबिक उन्होंने सरकार में गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाई और नकली शराब को बनने से रोका। यही वजह थी कि उन्हें सीएम ने बर्खास्त किया। उनकी मानें तो सीएम ने अच्छा काम कर रहे अंबिका चौधरी और नारद राय जैसे मंत्रियों को भी हटाने से गुरेज नहीं किया।