माल्या ने सीबीआई और सेबी से मांगा जवाब कहा- किस आधार पर लगाए गए आरोप

नई दिल्ली। अब विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के बर्बाद होने के पीछे तब की सरकार की पॉलिसीज को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, मैंने सरकार से लोन नहीं, मदद मांगी थी। सरकारी एअर इंडिया को तो उबार लिया गया लेकिन सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन किंगफिशर को छोड़ दिया गया। माल्या ने सीबीआई और सेबी से ये भी कहा कि उन्हें बताना होगा कि उनपर किस आधार पर आरोप लगाए गए।
माल्या ने ट्वीट में कहा, “सीबीआई और सेबी (सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड आॅफ इंडिया) को मुझपर आरोप लगाने से पहले मेरे तीखे सवालों का जवाब देना होगा। आखिर उनके पास इसका सबूत क्या है? उन्होंने ये भी लिखा- सीबीआई ने मुझसे पूछताछ की। उनके सबूत बताते हैं कि मैंने फंड्स का कहीं भी गलत इस्तेमाल नहीं किया।
किंगफिशर सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइंस थी। पॉलिसी और आर्थिक हालात के चलते ये कमजोर हो गई। सरकार ने एअर इंडिया को तो उबारा पर किंगफिशर के लिए कुछ नहीं किया। मैं अपने इम्प्लॉइज और शेयरहोल्डर्स को रोज सॉरी बोलता हूं। माल्या ने ये भी ट्वीट किया, मैंने मदद मांगी थी। लोन के लिए नहीं, बल्कि पॉलिसी में बदलाव के लिए कहा था। पेट्रोल और स्टेट सेल्स टैक्स में छूट की बात कही थी। हमें 140 डॉलर प्रति बैरल की रेट से पेट्रोल मिलता रहा। उस वक्त मंदी थी। लेकिन कुछ नहीं किया गया। मेरे केस में टीवी एंकर्स तो पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ही बन गए और लोगों में मेरे खिलाफ राय बन गई। मुझे उम्मीद है कि ज्यूडिशियरी इस बात को भी सामने लाएगी। मीडिया ने मेरे लिए लूट, गेट जैसी हेडलाइंस बनाईं। क्या इसे सही रिपोर्टिंग कहा जाना चाहिए? अपनी लकदक लाइफस्टाइल के लिए माल्या ने कहा, मेरा ये तरीका आज से नहीं है। ये उस वक्त से है, जब 20 साल पहले किंगफिशर शुरू हुई थी।
माल्या ने 27 जनवरी को ट्वीट किया – अभी तक ये बताया जा रहा है कि मैं बैंकों का पैसा लेकर भाग गया। लेकिन मैंने कभी पैसा उधार नहीं लिया। अभी तक ज्यूडिशियरी ने यह तय नहीं किया कि किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का कितना बकाया है? ट्रायल के बाद मेरे पास कितना उधार बाकी रह जाएगा। मुझे लगता है कि हमारे देश में जब तक प्रूव न हो जाए तब तक किसी को गुनहगार नहीं माना जा सकता। मीडिया ने मुझे बिना ट्रायल के दोषी करार दे दिया है। इसी बात को लगातार फैलाया जा रहा है। बता दें कि मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने बुधवार को फंड डायवर्जन के मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए माल्या को सिक्युरिटी मार्केट से बैन कर दिया था। इसका मतलब है कि माल्या अब भारत की किसी भी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर या की मैनेजरियल परसन्स (केएमपीएस) जैसी पोजीशन पर नहीं रहेंगे।