समाजवादी पार्टी में सुलह के आसार, अखिलेश ने मांगा तीन महीने का समय

लखनऊ। सपा में सुलह की कोशिशें अभी भी जारी है। खबर है कि सपा का दोनों धड़ा एक हो सकता है। बृहस्पतिवार की रात मुलायम सिंह यादव के आवास पर बैठकों का दौर चला। इस बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव की मांग के मुताबिक राज्य सभा सांसद अमर सिंह पार्टी से बाहर हो सकते हैं जबकि चाचा शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं। अखिलेश ने शर्त रखी है कि वो सिर्फ तीन महीने के लिए यानी यूपी चुनावों तक ही पार्टी के अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं। अगर ऐसा होता है तो मुलायम सिंह यादव चुनाव बाद फिर से पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं। यही नहीं समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही विधान सभा चुनाव लड़ेगी।
आज शिवपाल सिंह यादव तीसरी बार मुलाकात के लिए मुलायम सिंह यादव के आवास पर गए हैं। उनसे पहले अमर सिंह भी मुलायम से मुलाकात कर चुके हैं। मुलायम सिंह से मिलने के बाद शिवपाल मुख्यमंत्री से मिलने उनके आधिकारिक आवास पर भी गए। इससे पहले अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार समर्थक विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई थी जिसमें समाजवादी पार्टी के 220 एमएलए और 60 एमएलसी ने अखिलेश यादव को अपने हस्ताक्षर वाले हलफनामे सौंपे हैं। अखिलेश यादव इन हलफनामों को चुनाव आयोग को सौंपेंगे। सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल गुट के भी कई एमएलए और एमएलसी सीएम अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई कल की बैठक में पहुंचे थे।
अखिलेश यादव ने बैठक में कहा कि जो भी यहां बैठक में आया है उनमें से किसी का भी टिकट नहीं काटा जाएगा। अखिलेश ने यह भी कहा कि हम सिर्फ विधानसभा चुनावों तक ही समाजवादी पार्टी की कमान संभालेंगे। वहीं अखिलेश ने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद जैसा नेताजी बोलेंगे बिल्कुल वैसा ही करेंगे।
यह भी संभावना जताई जा रही है कि अखिलेश यादव सपा का विवाद सुलझने के बाद कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर सकते हैं। इसके लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन को लेकर सहमति बन चुकी है और राहुल के विदेश दौरे से आने का इंतजार है। इसबीच कांग्रेस सिर्फ मौजूदा जीती हुई सीटों पर ही उम्मीदवार उतारने की कोशिश में है।