पांच राज्यों में होने वाले विस चुनाव की तारीखों का चुनाव आयोग ने की घोेषणा
4 फरवरी से शुरू होगी वोटिंग, 11 मार्च को आएंगे नतीजे
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। ये पांच राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा हैं। चुनाव 4 फरवरी से शुरू होंगे और 11 मार्च को नतीजे आएंगे। यूपी में सात चरणों में चुनाव होंगे। मणिपुर में दो चरणों में चुनाव होंगे। गोवा और पंजाब में 4 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। उत्तराखंड में 15 फरवरी को वोटिंग होगी। मणिपुर में पहले चरण के मतदान 4 मार्च को और दूसरे चरण की वोटिंग 8 मार्च को होगी।
यूपी में पहले चरण में 73 सीटों पर मतदान 11 फरवरी को होगा। दूसरे चरण में 67 सीटों पर मतदान 15 फरवरी को होगा। तीसरे चरण में 69 सीटों पर 19 फरवरी को मतदान होंगे। चौथे चरण में 53 सीटों में 23 फरवरी को वोटिंग होगी। पांचवे चरण में 52 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होंगे। छठे चरण में 49 सीटों पर 4 मार्च को वोटिंग होगी। सांतवें और आखिरी चरण की वोटिंग 8 मार्च को होगी, इसमें 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 11 मार्च को पांचों राज्यों के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
इन पांच राज्यों में 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। 5 राज्यों में 16 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। सभी को आई कार्ड दिए जाएंगे। 1 लाख 85 हजार पोलिंग स्टेशन होंगे। हर वोटर को रंगीन पर्ची दी जाएगी। पोलिंग बूथ के बाहर सभी जानकारियां पोस्टर पर दी जाएंगी। इस पर नियमों का उल्लेख होगा। बूथ पर वोटर्स की मदद के लिए गाइड होंगे। वोटर को फोटो वाली वोटर स्लिप मिलेगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने नसीम जैदी ने कहा कि गोपनीयता बनाए रखने के लिए 30 इंच ऊंची स्टील और अन्य सामग्री से बनी छोटी केबिन का इस्तेमाल किया जाएगा। ईवीएम में उम्मीदवारों की तस्वीर होगी। दिव्यांग वोटरों के लिए अगल व्यवस्था होगी। 690 में से 133 सीटें सुरक्षित हैं।
नसीम जैदी ने जानकारी दी कि उम्मीदवारों को नॉमिनेशन पेपर पर फोटो लगाना होगा और उनको भारत का नागरिक होना चाहिए। उनको शपथ पत्र देना होगा। चुनाव प्रचार के दौरान ध्वनि प्रदूषण और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्रियों पर प्रतिबंध होगा। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर पर रोक रहेगी। उम्मीदवारों को बताना होगा कि कोई बकाया नहीं है। बैंक में खाते खुलवाने होंगे। 20 हजार से ज्यादा खर्च करने पर चैक से पेमेंट करना होगा। यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में उम्मीदवार 28 लाख खर्च करपाएंगे, जबकि गोवा और मणिपुर में 20 लाख खर्च कर पाएंगे।
मंगलवार को हुई बैठक में मतदाता सूची और राज्यों में कानून व्यवस्था की समीक्षा की गई। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक घोषणा से पहले सोमवार को आयोग ने अधर्सैनिक बलों के प्रमुखों के साथ भी बैठक की और सुरक्षा बलों की संख्या उनकी तैनाती और उनके एक जगह से दूसरी जगह जाने के कार्यक्रम की पूरी जानकारी ली, क्योंकि चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती उनके परिवहन की पूरी कमान आयोग के ही हाथों में होती है लिहाजा हरेक जानकारी पूरी तौर पर पुख्ता कर ली गई। इस साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें यूपी को छोड़कर बाकी राज्यों की विधानसभा का कायर्काल मार्च में पूरा हो रहा है।
कहां कितनी सीटें-
यूपी- 403
पंजाब- 117
उत्तराखंड- 70
गोवा- 40
मणिपुर- 60
यूपी में सत्तरूढ सपा में जारी अंदरूनी घमासान के बीच पार्टी ने ऐलान किया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी। पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन की अटकलें थी। वहीं बीजेपी और बीएसपी भी अकेले दम चुनाव मैदान में हैं। पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन का मुकाबला कांग्रेस से है तो वहीं पहली बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में अपनी किस्ताम आजमा रही है। गोवा में पंजाब और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में हैं। एल्विस गोम्स आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट हैं। उत्तराखंड में भी चुनावी सक्रियता तेज हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस के आलावा कई और दल भी चुनावी समर में उतरने की तैयारी में हैं। इसी तरह मणिपुर में सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बनी इरोम शमिर्ला चुनावी मैदान में कूदने का ऐलान कर चुकी है।
पिछले आम चुनाव में यूपी पर अगर नजर डालें तो लोकसभा की 80 सीटों में से 73 पर बीजेपी और सहयोगी दलों ने कब्जा जमाया था। सपा के खाते में केवल 5 सीटों आईं थी। कांग्रेस महज दो सीटें जीत पाई थी तो बीएसपी का खाता भी नहीं खुल सका था। 2012 के विधानसभा चुनावों की अगर बात करें तो 403 में से 224 सीटें जीतकर सपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था। 80 सीटों के साथ बीएसपी दूसरे और 47 सीटों के साथ बीजेपी तीसरे स्थान पर रही थी। वहीं कांग्रेस के 28 उम्मीदवार जीते थे।
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में राज्य पुलिस बलों के साथ एक लाख अधर्सैनिक बलों की तैनाती की जा सकती है। चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा है कि अगले दो महीने में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए अधर्सैनिक बलों की 1,000 कंपनियां उपलब्ध कराई जाएं। हर कंपनी में 100 सुरक्षाकर्मी होते हैं।