सपा घमासान : दोनों गुट साइकिल चुनाव चिह्न पर जता रहे हैं दावा, चुनाव आयोग करेगा फैसला
लखनऊ। दो फाड़ हो चुकी समाजवादी पार्टी में अब उसके चुनाव चिह्न पर ‘कब्जे’ की जंग शुरू हो गई है। जंग इस बात की कि आखिर साइकिल की सवारी करेगा कौन? पिता मुलायम और बेटे अखिलेश गुट दोनों ही साइकिल चुनाव चिह्न पर दावा जता रहे हैं। दोनों ही गुट साइकिल पर अपनी दावेदारी को लेकर चुनाव आयोग तक पहुंच गए हैं। मुलायम सिंह और अमर सिंह साढ़े 4 बजे चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचेगे। वहीं रामगोपाल ने अब तक चुनाव आयोग से मिलने का समय नहीं मांगा है।
मुलायम सिंह यादव सोमवार को दिल्ली में ही अमर सिंह से मुलाकात करेंगे और उनके साथ शिवपाल यादव भी होंगे। अमर सिंह लंदन से दिल्ली पहुंच गए हैं। इस बीच, मुलायम सिंह यादव ने 5 जनवरी का अधिवेशन स्थगित कर दिया है। शिवपाल यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं मुलायम : अखिलेश के महासम्मेलन को असंवैधानिक बताने के बाद मुलायम सिंह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। पार्टी पर अपने दबदबे को कायम रखने के लिए मुलायम सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। साथ ही वे दिल्ली आकर वरिष्ठ वकीलों से संपर्क साध सकते हैं। चुनाव चिन्ह के लिए वे चुनाव आयोग से मिलेंगे। मुलायम के साथ उनके वकील भी होंगे।
अमर बोले-मुलायम मेरे दिल में हैं: लंदन से दिल्ली पहुंचे अमर सिंह ने कहा कि मैंने राज्यसभा का टिकट नहीं मांगा था। मुलायम सिंह ने कहा था कि वह हमारे दल में नहीं दिल में है। मैं मुलायम सिंह के साथ हूं। मैं मुलायम के लिए नायक बना अब खलनायक बनने के लिए भी तैयार हूं। वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और रहेंगे। मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं। मैं मरते दम तक नेताजी के साथ रहूंगा।
अखिलेश खुद में बड़े ब्रांड : पार्टी सिंबल को लेकर जारी विवाद में अखिलेश के समर्थक एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि हम अखिलेश के नाम पर चुनाव लड़ेंगे। उदयवीर ने कहा कि अखिलेश खुद में ब्रांड हैं। उदयवीर ने हालांकि उम्मीद जताई कि नेताजी समझाने पर मान जाएंगे।
इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने करीबी विधायकों और नेताओं के साथ मुलाकात की। बैठक में उनसे कहा कि वे चुनाव की तैयारी करें। अखिलेश ने कहा कि हम और नेताजी एक ही हैं। आप हमारे नारे लगाते हैं तो उनके भी लगाएं। आप लोग उनसे भी मिलें। अखिलेश मंगलवार को एक बार फिर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।
दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले मुलायम ने कहा कि मैं पूरी तरह से फिट हूं। मीडिया ने मेरा हमेशा साथ दिया, मैंने कोई भ्रष्टाचार या गलत काम नहीं किया है। आरोप लगा तो सुप्रीम कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मेरी है और इसका चुनाव चिह्न भी मेरा है।
एउ में जाने पर ये सब हो सकता है।।।
– चुनाव आयोग में एक निर्धारित प्रक्रिया है, आयोग ये देखेगा कि कायर्कारिणी के कितने सदस्य या विधायक, सांसद और पार्टी के कितने उम्मीदवार किसके साथ हैं।
चुनाव आयोग ही ये तय करेगा कि असली समाजवादी पार्टी कौन है। इसमें समय लगेगा और चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ अदालत जाने का विकल्प भी खुला रहेगा। खतरा ये भी है कि चुनाव आयोग समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ को फ्रीज कर दे।
रविवार को अखिलेश बने सपा सुप्रीमो : लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने नेताजी मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक और उनकी जगह अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया। इसके साथ ही उन्होंने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद तथा अमर सिंह को पार्टी से हटाने का भी प्रस्ताव भी पार्टी कार्यकर्ताओं के ध्वनि मत से पास किया।
वहीं अखिलेश खेमे द्वारा बनाए गए नए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपने समथर्कों के साथ समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर पहुंचकर उस पर कब्जा कर लिया। रविवार को लखनऊ में अधिवेशन के दौरान रामगोपाल यादव ने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था। पार्टी कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
रामगोपाल को किया बाहर : रामगोपाल की इस घोषणा के बाद मुलायम सिंह यादव ने रविवार के अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए इसमें लिए फैसलों को रद्द कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने रामगोपाल यादव को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। साथ ही अधिवेशन में शामिल होने पर पार्टी महासचिव और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल और सपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा को भी पार्टी से निकाल दिया है।
अखिलेश बोले-पार्टी अध्यक्ष बनकर नेताजी का और सम्मान करूंगा : अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने कहा कि मैं नेताजी का जितना सम्मान पहले करता था, आगे राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर उससे कहीं ज्यादा सम्मान करूंगा। नेताजी का जो स्थान है, वह सबसे बड़ा है। मैं नेताजी का बेटा हूं और रहूंगा, यह रिश्ता कोई खत्म नहीं कर सकता। परिवार के लोगों को बचाने के लिए जो करना होगा, वह करूंगा।’